वर्तमान समय में स्वकेंद्रित व्यक्तिवादी सोच के कारण नैतिक मूल्यों का तेजी से ह्रास हो रहा है, जिसके कारण परिवार व समाज बिखर रहे हैं। आम तौर पर लोग किसी परेशानी, दुःख या समस्या के समय पहचान एवं संबंधों की इस भीड़ में भी स्वयं को अकेला महसूस कर रहे हैं और उन्हें ऐसा लगता है की कोई किसी का नहीं है, जिसके कारण तमाम लोग घोर निराशा के वशिभूत हो रहे हैं और उनमें आत्महत्या की प्रवृत्ति जन्म ले रही है। मनुष्य का लोभ एवं अहंकार मनुष्यता पर ग्रहण लगा रहा है। संपूर्ण वसुंधरा मनुष्य के कुकृत्यों के संताप से तप्त है। मनुष्य इस धरती पर रहने वाले सभी जीव-जंतुओं,पशु-पक्षियों, पेड़-पौधों-वनस्पतियों एव् पर्यावरण का शत्रु बनता जा रहा है। ऐसी स्थिति में मनुष्य में धरती के समस्त प्राणियों के प्रति सह अस्तित्व की भावना विकसित करते हुए उनकी सेवा एवं कल्याण हेतु वास्तविक रूप से तत्पर बनाने का प्रयास कर मनुष्य के जीवन को उपयोगी, धन्य, कल्याणकारी एवं पवित्र बनाना ही इस न्यास के सृजन का उद्देश्य है।
“साथी हाथ बढ़ाना” न्यास का मुख्य उद्देश्य सेवा एवं सहयोग के प्रति समर्पित व्यक्तियों का एक ऐसा समूह तैयार करना है जो एक दूसरे प्राणी मात्र की परेशानी, दुःख, समस्या में या जरूरत के समय त्वरित आर्थिक, विधिक एवं सामाजिक सहायता व सुरक्षा प्रदान करने हेतु तत्पर रहें। लोगों के एक समूह द्वारा छोटी-छोटी मदद पहुंचा कर भी किसी व्यक्ति की परेशानी एवं समस्या को दूर किया जा सकता है। यह न्यास जरूरतमंद, परेशान एवं समस्याग्रस्त लोगों को आर्थिक सहयोग, विधिक सहायता, शिक्षण–प्रशिक्षण हेतु सहायता, सामाजिक सुरक्षा एवं राहत पहुँचाने हेतु प्रतिबद्ध है। समय-समय पर मनुष्यों सहित धरती की अन्य तमाम समस्या ग्रस्त प्रजातियों के संबंध में योजनाएं लाई जाएगी तथा उनको सुरक्षा एवं संरक्षण प्रदान करने हेतु हर संभव प्रयास किया जाएगा। इस अति आवश्यक पवित्र एवं पुनीत कार्य में सहभागी बनने हेतु न्यास द्वारा वार्ड (मोहल्ला), ग्राम, ग्राम पंचायत, कस्बा, शहर, जिला पंचायत, जिला, मण्डल, प्रदेश, देश व विश्व स्तर पर समूह अथवा समूहों का गठन किया जायेगा । आवश्यकतानुसार समय-समय पर दान/सहयोग/सहायता की प्रक्रिया को और ही अधिक परिष्कृत, पारदर्शी व सरल तथा त्रुटि रहित बनाने हेतु न्यास का कार्यकारी परिषद निरंतर प्रयासरत रहेगा | जिसकी सूचना न्यास की वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगी एवं तत्समय प्रवृत्त नियम व शर्तें ही मान्य होंगी | कोई भी व्यक्ति जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक है वह न्यास को 101/- रुपया वार्षिक दान/सहयोग राशि देकर न्यास की सामान्य सदस्यता प्राप्त कर न्यास के पुनीत कार्यों में सहभागी बन अपनी सेवा अथवा सहयोग प्रदान कर सकता है। इस प्रकार प्राप्त सामान्य सदस्यता की अवधि उस वित्तीय वर्ष तक के लिए ही होगी जिसमें वह सदस्य पंजीकृत हो रहा है। भविष्य में सामान्य सदस्यता की राशि बढाई या घटाई जा सकती है। यदि किसी व्यक्ति को न्यास द्वारा संचालित किसी विशेष योजना में सहभागी बनाना है या उस विशेष योजना का सदस्य बनना है तो उस विशेष योजना के नियम व शर्तें उस व्यक्ति/सदस्य पर लागू होंगे तथा बाध्यकारी रूप से मान्य होगें।
नोट :- न्यास द्वारा भविष्य में कन्या विवाह, गम्भीर बीमारी, दुर्घटना, और उच्च शिक्षा, तकनिकी शिक्षण- प्रशिक्षण, सिविल सेवा की तैयारी, रोजगार तथा स्वावलंबन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, मनुष्य के व्यक्तित्व विकास एवं कल्याण से सम्बंधित समस्त कार्यों सहित जीव-जन्तुओं, पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों, वनस्पतियों, प्रकृति व पर्यावरण तथा पृथ्वी के पारिस्थितिकीय तंत्र के कल्याणार्थ शोध संरक्षण, पर्यवेक्षण, सर्वेक्षण, जागरूकता कार्यक्रम आदि से सम्बंधित समस्त कार्यों, वैज्ञानिक एवं मनोवैज्ञानिक शोध के साथ ही हरित उर्जा, नवीनीकृत उर्जा, जागरूकता कार्यक्रम आदि से सम्बंधित समस्त कार्य करने की योजना है |